"गरीब और अमीरी के बढ़ते फांसले को करेगे खत्म,
सपना है विकसित भारत का भेदभाव खतम कर,
भारत को महाशक्ति बनाएगे ।"

राष्ट्रीय आम जन सेवा पार्टी स्थापना

राष्ट्रीय आम जन सेवा पार्टी के सांस्थापक सभी सदस्य राजनीति से जुडे रहे है और अनेकों पोलिटिकल पार्टियों मे 1992 से रहे है । लगभग सभी पार्टियों में एक जैसा है। ज्यादातर राजनैतिक पार्टिया मौका परस्ती की राजनीति करती है और देश कि जनता को तो अपने झूठे वादों और किए वायदों से मुकरने के अलावा ये पार्टियां अपने कार्यकर्ताओ के बल पर चलती है और वो ही पार्टी को सींचते है वो ही उसको हरा भरा करते है सत्ता के शिखर पर वो ही लें जाते है। पार्टी के फल फूलने और सत्ता हासिल करने के बाद कार्यकर्ता को बाहर का रास्ता देखने को मिलता है। पार्टी का सच्चा सिपाही अपने क्षेत्र में चुनाव लड़ने के लिए दिन और रात तथा अपना घर बार बेच कर रोड पर आकर जब मेहनत करता है और चुनाव आते ही जिसकी जगह टिकट पैसे वालों को दे दिया जाता है तब उस पार्टी के सच्चे सिपाही पर क्या बीत ती होगी आप सहजता से उनका अनुभव कर सकते है आज कल हर पार्टी में कमाबेश यही हाल है।

इस सब के खिलाफ लड़ने और देश की जनता से शतप्रतिशत किए वादो को पूरा करने हेतु तथा आम जन सेवा के मकसद से राष्ट्रीय आम जन सेवा पार्टी के गठन का काम शुरू किया गया और इस पार्टी के गठन को लेकर 20 मई 2014 को नई दिल्ली में संस्थापक सदस्यों की एक मीटिंग हुई थी जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुसर्रत अली खान को चुना गया और उनके नेतृत्व में सभी केंद्रीय पदाधिकारीयों सहित पार्टी का पूर्ण गठन कर दिया गया । पार्टी का संकल्प है कि एक तो जनता के साथ धोखा नहीं होगा और पार्टी के सच्चे सिपाही कार्यकर्ता को ही चुनाव में टिकट देकर मैदान में उतारा जाएगा । उसकी गरीबी-अमीरी से पार्टी को कोई लेना देना नहीं, टिकट उसी का होगा । पार्टी का उम्मीदवार अपना टिकट खुद तो छोड़ सकता है। परंतु पार्टी का उम्मीदवार का टिकट पार्टी बदल नही सकती है। पार्टी अपने उम्मीदवार से पार्टी एक शपथ पत्र भी लेगी जिसमे चुनाव जीतने के बाद अपने चुनाव क्षेत्र के कार्यकर्ताओ को अहमियत देने और अपनी तनख्वाह से पार्टी कार्यकर्ताओ को 50 प्रतिशत क्षेत्र मे ही दिया जाएगा। क्योकि पार्टी कार्यकर्ता पार्टी और उम्मीदवार के लिए रात दिन भूखा प्यासा रहकर क्षेत्र मे कार्य करता है। पार्टी ने भारतीय चुनाव आयोग से रजिस्टर्ड होने के बाद पहली आम सभा 17 मई 2015 को आयोजित हुई । तथा 26 जून 2015 को पहला पार्टी का स्थापना दिवस मनाया.

प्रस्तावना

भारत का महान अतीत और अत्यंत प्राचीन इतिहास है विरत सम्पदा और ज्ञान से युक्त देश है । भारत को निरंतर विदेशी हमलो और गुलामी का सामना करना पड़ा है। जिसके कारण हमारे देश का गौरव तथा उसकी अभूतपूर्व उपलब्धियों को धक्का लगा है ।

हमारा देश कृषि समृद्धि वाला देश रहा है पुराने रिकॉडो से पता चलता है कि हमारे पास अच्छी कृषि तकनीक थी जिसका हम प्रयोग कराते थे । उसी तकनीक के कारण ही हमारा देश खाद के भंडार से भरा रहता था ।
कृषि के अलावा हमारे देश में लोहे और इस्पात का बढ़िया निर्माण होता था। इसका पता इस बात से चलता है कि दिल्ली के महरोली में लोह स्तंभ ने वर्षों से भी अधिक समय को झेला है परंतु 1550 से आज तक उसमे जंग या कोई अन्य खराबी नहीं। हमारा लौह उद्दोग एक नंबर पर था जबकि चीन दूसरे नंबर पर था। हम औषधि, शल्य चिकित्सा, आयुर्वेद, योग और भारत प्लास्टिक शल्य चिकित्सा का आधार भी है । 1900- 1800 ई . भारत में धन वेभव के कारण चोर और भिकारी नहीं थे हमे अपने देश भारत के लिए एक नई मिसाल कायम करनी होगी। जिससे एक ऐसे समृद्ध , प्रगतिशील और शक्तिशाली भारत क निर्माण हो जिसकी आवाज दुनिया में सुनी जा सके। मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ने कहा था की ऐसे हिंदुस्तान का निर्माण करो, जो सारे आलम में खुशबू पैदा करे । उन्होने हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए कार्य किया भारत इस लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है अगर हम लोग गंभीरता से इसके लिए जुट जाये हमे स्वतन्त्रता के बाद अवश्यकता तो यह थी की भारत के लोगो की भावनाओ के अनुरूप समझ से भारत की राज व्यवस्था को नया रूप प्रदान करते ऐसा न होने के कारण हमारे सामने एक खंडित समाज है विशाल स्तर पर आर्थिक असमानताए है डॉ भीम राव अंबेडकर, डॉ राम मनोहर लोहिया तथा जय प्रकाश नारायण जी के निम्न आदर्शो पर चलेगी सत्य, निष्ठा ,ईमानदारी वे सच्चे देश भक्त एवं ईमानदार नेता थे। उन्होने स्वार्थलोलुपता मे कोई कार्य नहीं किया। वे देश के सच्चे सपूत थे और उन्होने निष्ठा की भावना से देश की सेवा की वे ऊँच-नीच के भेदभाव से परे थे व उनका विचार अच्छी बातों से युक्त था । उन्होने देश की अंधकार से प्रकाश की ओर लाने का सच्चा प्रयास किया था डॉ राम मनोहर लोहिया जी ने लिखा है जेसे ही मनुष्य अपने प्रति सचेत होता है, चाहे जिस स्तर पर चेतना आए और पूर्ण से अपने अलगाव के प्रति संताप व दु:ख की भावना जागे, साथ ही अपने अस्तित्व के प्रति संतोष का अनुभव हो, तब यह विचार प्रक्रिया होती है कि वह सभी के साथ अपने को कैसे मिलाए, उसी समय उद्देश्य की खोज शुरू होती है

भारत के राजनैतिक हालात

इस बात से शायद ही इंकार किया जा सके कि देश के नागरिक भारत कि राजनैतिक स्थिति से धीरे धीरे निराश हो रहे है। दूसरी समस्याओं के अलावा तीन सबसे बड़ी समस्याएं यानि भ्रष्टाचार् सांप्रदायिकता, जातिवाद और गरीबवाद न सिर्फ बढ़ रहा है बल्कि बेकाबू भी होता जा रहा है। इन समस्याओं ने देश के लोक तंत्र को कमजोर ही नहीं किया है झगजोर कर रख दिया है और भारतीय जनतंत्र कि नींव भी हिला दी है। भ्रष्टाचार ने जनता की गाढ़ी कमाई और संसाधनों की अपूर्व लूट मचा दी है और आज समाज का कोई वर्ग इसके प्रभाव से बचा हुआ नहीं है। जैसे कि राजनीति, प्रशासन, न्याय प्रणाली, सुरक्षातंत्र, वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र, मीडिया आदि । सांप्रदायिकता ने देश के मान्य धर्मनिरपेक्ष आदर्शो पर से अल्पसंख्यकों के भरोसे को हिला दिया है और उनके संवैधानिक अधिकारों के हनन में भूमिका निभाई है। जातिवाद एक ऐसा हथियार बन चुका है जिससे पिछड़े वर्ग के लोगो, अल्पसंख्यक समुदायों, अनुसूचित जतियों और अनुसूचित जनजतियों को उनके उचित अधिकारों से वंचित किया जा रहा है विकास और तरक्की के सारे दावों का लाभ सिर्फ ऊचे तबके के लोगों को ही मिल रहा है । आम जनता न सिर्फ गरीबी के बोझ तले दबी जा रही है बल्कि आज करोड़ों लोग जीवन की बुनियादी जरूरतों से भी महरूम हैं । अमीर और अमीर होते जा रहे है जबकि गरीब और गरीब । देश का प्रबुद्ध समाज भारत में हर ओर बढ़ते नागरिक और मानव अधिकारों के हनन से निराश है। अब तो कुछ राजनैतिक दलों द्वारा रोमियों और गाय सेवक के नाम से गुंडों की टीमें भी लगा रखी है जो सभ्य समाज के बच्चो के साथ मारपीट कर उनसे उगाही करते है और गाय का सेवक के नाम से कुछ पोलिटिकल पार्टियों के गुंडों ने ग्रुप बना रखे है जिनका काम सिर्फ लोगों से गाय छीनकर बाँट लेना और फिर बाजार मे बेच कर मोटी रकम कमाना है और गाय के मालिक को पीट पीटकर मार दिया जाता है और उनसे भी लूटपाट की जाती है । राष्ट्रीय आम जन सेवा पार्टी इसको गंभीरता से लेती है भारतीय सविधान ने ये अधिकार किसी को नहीं दिया कि मरे हुए मवेशी को एक जगह से उठाकर दूसरी जगह पर फेंकने पर अनु सूचित जाती के कुछ लोगों को कोई मौत के घाट गाय के नाम पर उतार दे और फिर किसी भी जानवर की कटनी भारत मे रुकनी चाहिए भाजपा और उनके सहयोगी दलों को भैस ,बकरा ,मुर्गा समेत अन्य जानवरों से क्या दुश्मनी है ।

भारत की राजनैतिक पार्टियां

देश में भारतीय चुनाव आयोग द्वारा अधिकतर रजिस्टर्ड अमान्यता प्राप्त और मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय दल पार्टियां देश की सामाजिक और आर्थिक समस्याएं राजनैतिक, व्यवस्था के कमजोर पड़ने के कारण और उस पर कुछ वर्गों का कब्जा हो जाने और स्वार्थी तत्वों का नियंत्रण हो जाने से उपजी है । दुर्भाग्य से देश में सक्रिय राजनैतिक दल चाहे वे राष्ट्रीय हों या क्षेत्रीय न सिर्फ इन ज्वलंत समस्याओ को खामोशी से बढ़ते हुए देख रहे है बल्कि कई तरह से इन के बढ्ने की वजह भी बन रहे है चुनाव में बढ़ते खर्च और राजनेताओ के लालच ने इन दलों को भ्रष्टाचार के लिए तैयार किया है उन्हें पूंजीपतियों के सामने झुकने पर मजबूर कर दिया। आमतौर पर राजनैतिक दल परिवार आधारित ‘हाईकमान’ या बाहरी शक्तिशाली संगठनों से संचालित पदाधिकारियों द्वारा चलाए जा रहे है। जो की बिना किसी चुनौती के इन दलों में आंतरिक लोक तंत्र को तहस नहस कर रहे है। और भावनात्मक या थौपे हुए मुद्दों में जनता को उलझा कर उनकी वास्तविक समस्याओ को भुला देने का प्रयास कराते है मीडिया भी अपनी एक पक्षीय और पोषित सूचनाओ के द्वारा ऐसे ही दलों को आगे बढ़ाने के लिए सक्रिय नजर आता है। राजनीति का अप्राधिकरण आज एक वास्तविकता है शासन दल पिछड़े वर्गों, अल्पसंख्यकों और दलितों को देश की मुख्यधारा से अलग थलग करने के लिए नित नए तरीके इजाद करते है, जैसे कि एक वर्ग को दूसरे के मुक़ाबले लाना,घुसपैठ, आतंकवाद, चुनावी बूथों पर कब्जा और वोटिंग मशीन से छेड़खानी, कमीशन और कमेटियाँ बनाकर उन्हें बहलाना वगैरह.

घोषणा पत्र

राष्ट्रीय आम जन सेवा पार्टी का घोषणा पत्र दिल्ली में 17 अप्रैल 2015 को जारी किया गया था । इसके मुख्य बिंदु इस तरह है :

पार्टी लोहिया जी कि निम्न क्रांतियों के लिए काम करेगी

1. नरनारी कि समानता के लिए ।
2. आर्थिक और दिमागी असमानता के खिलाफ ।
3. जाति प्रथा के खिलाफ और पिछड़ो को विशेष अवसर के लिए ।
4. निजी पूंजी कि विषमताओं के खिलाफ और आर्थिक समानता के लिए तथा योजना द्वारा पैदावार
बढ़ाने के लिए ।
5. निजी जीवन में अन्यासी हस्तक्षेप के खिलाफ और लोकतंत्री पद्धति के लिए ।
6. अस्त्र शस्त्र के खिलाफ और सत्याग्रह के लिए ।

उन्होने अपने दम पर आंदोलन के दौरान और स्वतंत्रता के बाद ऐसे शासन का रुख बदल दिया था। डॉ लोहिया सहज. परन्तु निडर अवधूत राजनीतिज्ञ ही नहीं थे बल्कि उनमे संत कि सन्तता, फक्कड़पन, मस्ती, निर्लिप्पता और अपूर्व त्याग कि भावना थी। डॉ लोहिया कि स्थापना के पक्षधर समाजवादी थे वे अपने कार्यक्षेत्र को जनमंगल कि अनुमतियों वे चाहते थे कि व्यक्तियों के बीच भेद,-कोई दुराव, और कोई दीवार न रहे । सब जन समान हों सब जन सबका मंगल चाहते हों सबमें वे हों और उनमे सब हों । डॉ भीम राव अंबेडकर जी को अछूतों के जीवन से गहरी सहानुभूति थी । उनके साथ जो भेदभाव बढ़ता जाता था उन्होने उसे दूर करने के लिए आन्दोलन किया और उन्हे संगठित किया। अछूत समझी जाने वाली महार जाति में जन्म लेने के कारण अपने स्कूली जीवन में आम्बेडकर को अनेक अपमान जनक स्थितियों का सामना करना पड़ा ।

हमारा भारत दुनिया में स्वर्ग है

1 देश में आवश्यकता अनुसार नए शहरों को बनाया जायेगा ।
2 देश के पिछड़े जिलों को विकाश गति प्रदान कि जायेगी ।
3 कुटीर व छोटे उधयोगों मे काम करने बाले कारीगरों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा
4 हर घर को स्वच्छ पीने का पानी उपलब्ध कराएगे ।
5. जमा खोरी काला बाजारी को सख्ती से रोकना उसके लिए कठोर कार्यवाही करना ।
6 भारतीय खाद निगम को खरीद भंडारण और विपणन कि निगरानी हेतु कमेटी का गठन जिससे
अनाज गल सड़ न सके ।
7 लड़कियों की शिक्षा पर विशेष ध्यान होगा ।
8 बलात्कार, एसिड अटेक पीड़ित लड़की महिलाओ के कल्याण के लिए विशेष कोश का प्रबन्ध किया
जाएगा जिससे उसका मेडिकल खर्च वहन किया जा सके ।
9 पुलिस में विभिन्न स्तरो पर महिलाओ की संख्या 50 प्रतिशत की जाएगी ।
10 महिलाओ के लिए बने कानूनों का दुरुपयोग ना हो के लिए विशेष निगरानी हेतु व्यवस्था की
जाएगी ।
11 महिलाओ को हर क्षेत्र में प्रतिशत आरक्षण दिलाने की वकालत करती है ।
12 राजसपा हर स्तर पर छुआ छूत के सख्त विरोधी है
13 एस. टी./एस. सी. फंड का पूर्ण और सही उपयोग कराया जाएगा ।
14 तानाशाह और जन विरोधी कानूनों के विरुद्ध संधर्ष ।
15 एक ऐसे राज्य की स्थापना जो लोक कल्याण पर आधारित हो और जहां सभी को मुफ्त शिक्षा,
परिवहन , हॉस्पिटल, गरीब परिवारों को बीपीएल राशन कार्ड और उस पर मिलने वाला राशन फ्री
हो आम जन सुरक्षा की गारंटी हो की व्यवस्था हो
16 कमजोर वर्गो को सरकारी और निजी कंपनियो की नौकरियों में आरक्षण ।
17 सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलो की शिक्षा बिल्कुल फ्री ।
18 किसानों , शिल्पकारों और छोटे व्यापारियों को भारी आर्थिक मदद एवं बिना ब्याज के कर्ज की व्यवस्था करना। विधायिक में भारत के हर समुदाय के प्रतिनिधित्व की व्यवस्था करना ।

किसानों के लिए पार्टी का संकल्प

1. भारतीय किसान अपनी फसल पर निर्भर रहता है इसके अलावा उसके पास कोई कमाई का साधन नहीं होता है। किसान के प्रति व्यक्ति औसत आय शहरी आबादी के प्रति औसत आय की 80 प्रदेश के प्रत्येक किसान परिवार की पारिवारिक स्थिति / प्रतिशत के बराबर होनी चाहिए । देश व पारिवारिक आय का आंकलन हमारी सरकार कराएगी और किसान की फसल की पैदावार से आय का आंकलन हमारी सरकार करायेगी और किसान की फसल की पैदावार से आय का आंकलन कर बैलेन्स की भरपाई राष्ट्रीय आम जन सेवा पार्टी करेगी । फसल की सही पैदावार के लिए किसान को सिचाई व्यवस्था से लेकर फर्टिलाइजर की सही मात्रा किसान को उपलब्ध कराई जाएगी
2. किसान की फसल बर्बादी का आंकलन कर के -फसल बर्बादी की भरपाई सरकार करेगी ।
3. किसानों के हित का ध्यान रखने के लिए भारतीय चुनाव आयोग की तर्ज भारतीय किसान आयोग का गठन होगा और उसका सदस्य केवल किसान ही होगा और उसके लिए किसान ही वोटिंग करेगा । जो कृषि मंत्रालय के अधीन होगा ।
4. किसान की खेती के लिए पानी फर्टिलाइजर और बीज को भारी सब्जीडाइज़ किया जाएगा ।
5. खेती में इस्तेमाल होने बाले समान को सब्जीडाइज़ किया जाएगा (उसका और समान)
6. हर गाँव को शहर से जोड़ने के लिए सड़कों को बनाया जाएगा ।
7. हर गाँव में बिजली दी जाएगी तथा किसान को बिजली मुफ्त दी जाएगी ।

हर गरीब किसान और मजदूर की लड़की की शादी के लिए 50 हजार की आर्थिक सहायता हमारी सरकार करेगी ।

युवा शक्ति के लिए संकल्प

हमारा भारत एक युवा देश है। जनसंख्या के अनुसार विश्व की सर्वाधिक युवा आबादी भारत में निवास करती है भारत में जनगणना के नियमों में 18 से 35 वर्ष की आयु को युवा माना जाता है और विश्व में 15 वर्ष की आयु से जवानी प्रारम्भ होती है दोनों गणनाओ में भारत विश्व में न केवल अग्रणी है अपितु विश्व की युवा आबादी का 60 प्रतिशत से अधिक भारत में निवास करता है इतने बड़ी संख्या में उपस्थित युवा शक्ति का हमे अपने राष्ट्र निर्माण में प्रयोग करना है इस युवा आबादी को उपयोगी कौशल में प्रशिक्षित करना हमारी राष्ट्रीय आम जन सेवा पार्टी की सरकार की प्राथमिकता होगी फिर इनके लिए पर्याप्त रोजगार उपलब्ध कराना तथा उद्दोंग, कृषि व सेवा क्षेत्र में संतुलन स्थापित करना हमारी पार्टी की सरकार की पहली प्राथमिक होगी। उच्च शिक्षा में असंतुलित वृद्धि के कारण एक ओर बड़ी संख्या में तैयार हो रहे अभियंताओ को उचित रोजगार नहीं दे पा रहे है। वहीं दूसरी ओर अनेक आवश्यक कार्यों के लिए प्रशिक्षित व्यक्ति उपलब्ध नहीं है। हमारी पार्टी की सरकार इस समस्या को दूर करेगी ।

भारत में युवा को युवा होने का अर्थ ही पता है। युवा अर्थात अनुशासनहीन, अस्तव्यस्त, उपद्रवकारी ऐसा ही विचार सबके मन में आता है जो केवल उपरी विचार है और गलत है। वास्तव में आज के युवा को ज्ञान की बड़ी पिपासा है । किसी भी पार्टी की सरकार ने इनको अवसर नहीं दिया है अवसर मिलने पर युवा अध्ययन, विचार व चर्चा सभी के लिये तैयार है। इससे आगे बढ़कर वह इन विचारों को क्रियान्वित भी करना चाहता है। अतः युवा आबादी को हमारी पार्टी की सरकार द्वारा काम दिया जायगा। युवा केवल नौकरी पाने का विचार ही नहीं रखता है बल्कि अपने बलबूते अगर उसको साधन मिले तो अच्छा बिजनेस भी कर सकता है । देश का युवा अनेक चमत्कार कर सकता है। वीर सावरकर ने कहा था कि अगर युवा की क्षमता को समझना है तो इस पद को पलट कर देखों। युवा -वायु के समान शक्तिशाली है। यदि अनुशासन तोड़ दे तो प्रभंजन बन पूरी दुनिया को तबाह कर सकता है। प्राण हरण कर सकता है। वहीं यदि नियम से अनुशासित हो तो प्राणायाम बन जीवन की रक्षा भी कर सकता है। आवश्यकता है युवा बल को युवा शक्ति मे रूपांतरित करने के लिये सबसे पहले युवा को अपने स्वभाव को पहचानने का हमारी सरकार प्रशिक्षण देगी । स्वभाव के अनुरूप कार्य दिया जायगा। सफलता प्राप्त करने के लिये दूसरी महत्वपूर्ण आवश्यकता है संकल्प की है । संकल्पित युवा ही अपनी पूर्ण क्षमता को प्रकट कर किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। यह संकल्प जीवन के हर क्षेत्र में चमत्कार कर सकता है। विज्ञान में अनुसंधान हो, स्वरोजगार के लिये व्यवसाय को संचालन हो, देश की रक्षा के लिये सेना में प्रवेश हो अथवा जनजागरण के लिये समाज सेवा का क्षेत्र हो हर स्थान पर संकल्पित युवा ही असम्भव को सम्भव कर दिखाता है।

रष्ट्रीय आम जन सेवा पार्टी का मानना है कि भारत की संगठित युवा शक्ति को राष्ट्रकार्य के लिये समर्पित कराने की आवश्यकता है।

स्वावलम्बन, संकल्प, संगठन तथा समर्पण के सकारात्मक मन्त्र से अभिमंत्रित युवा शक्ति को अपने राष्ट्र निर्माण का प्रभावी साधन बनाया जायगा ।

लेबर मजदूरों के लिए पार्टी का संकल्प

हिन्दुस्तान में बातों के धनी लोगों की कमी नहीं है . बातों के दम पर वह कहां से कहां पहुंच जाते हैं और यह मजदूर उनकी बातें पीढ़ी दर पीढ़ी बस सुनते रहते हैं. मजदूर नेता, संगठन से दल और दल से सरकार बन जाते हैं और मजदूर बस उसी कुदाल, छेनी, तसला, फावड़े में पिसता रहता है.। मजदूर दिवस .पर संगोष्ठियां बहुत दिखती है पर उसमे बेचारा मजदूर नहीं दिखता है । मजदूर दिखता है तो वही दिखा जहां पर रोज दिखता है. किसी अधबने निर्माणाधीन मकान की लिंटर पर् ईटे चढ़ाते हुए या फिर सड़क पर सीमेंट बालू में पानी को फावड़े से समेटते हुए, किसी बन रही सड़क के किनारे नाली के लिए गड्ढा खोदते हुए या उस पर् ईट जमाते हुए, कहीं तपती दोपहरी में रिक्शे को पेड़ के नीचे खड़ा कर गमछे से माथे पर चुहचुहा आये पसीने को पोंछते हुए तो कहीं ट्राली पर चारगुना सामान लादकर हांफते हांफते उसे खीचते बेचारा मजदूर अगर अपनी विवशता और भूख के कारण आवाज उठाता भी है तो उन्हें अतिवादी कहकर जेलों में डाल दिया जाता है और मजदूर की आवाज दबा दी जाती है। आवाज दबाने में लोक प्रतिनिधि, उद्दोंगपति और नौकरशाहों की साँठ-गांठ चलती है । जीवन स्तर को ऊचा उठाना राज्य सरकार का दायित्व है मजदूरो की पीड़ा को महसूस किया जाए तो जो लोग अपना घर छोड़ कर कमाने जाते है । मजदूर केवल एक समय भोजन वो भी रात में बनाते है क्योंकि सुबह खाना बनाने का मौका नही मिलता। सुबह के 4 बजते ही मजदूर लोग जा कर रोड किनारे बैठ जाते है वही से उन्हें काम कराने वाले ले जाते है अगर लेट हुए तो काम नही मिलता। कब समझेगे ये लोग मजदूरो की पीड़ा को उनके दर्द को। शायद वे तभी समझेगे जब व तपती धूप में ठंडी की हवाओ में कभी काम करेगे तब उन्हें पता चलेग लेबर एक्ट को भी अच्छी तरह से लागू कर दे तो भी बहुत कुछ हो जाएगा लेकिन वो भी नहीं होता है । काम होता मजदूरी कराने वालो के हिसाव से है राष्ट्रिय आम जन सेवा पार्टी लेबर एक्ट को लेबर हित मे सख्ती से लागू करायगी तथा लोक प्रतिनिधि, उद्योगपति और नौकरशाहों की सांठ-गांठ खतम करायगी तथा लेबर का शोषण करने वालों को जेल भेजा जायगा। हम मेहनत कश इंसान दुनिया से जब अपना हिस्सा मागेंगे एक बाग नही, एक खेत नहीं, हम सारी दुनिया मांगेगे।

बाल मजदूरी के लिए पार्टी का संकल्प

बच्चों से मजदूरी करवाने की जो सजा है वो बिल्कुल सख्त नहीं है या तीन महीने की सजा होगी या फिर 20 हजार का जुर्माना फिर लोग जुर्माना दे कर छूट जाते है इनमे से एक ही सजा मिलती है तो अधिकतर दोनों में बच्चे पुनर्वास केंद्र ऐसे मामलों की जल्द सुनवाई भी नहीं होती फंसे रहते है । सरकारी आंकड़ो के मुताबिक कि 10 से 18 साल के बच्चों में 42 फीसदी बच्चे असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे हैं और इतने ही बिना किसी मजदूरी के काम कर रहे हैं. उम्र के हिसाब से अगर बात करें तो 10 से 14 साल की उम्र के बच्चों से मजदूरी के मामले में ज्यातर प्रदेशो उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात, असम, कर्नाटक, का हाल बहुत बुरा है ।

बड़ी संख्या में बच्चे मजदूरी कर रहे है उनसे काम जैसे ढाबा वगैरा पर आसानी से शोषण हो सकता है । घरों में काम व परिवार से दूर अकेले इस शोषण का शिकार होते है यह काम बच्चों को छिपा के करवाया जाता है बच्चो के साथ बुरा व्यवहार बहुत आम बात है, 1992 में हमारे देश की सरकार ने कहा था भारत की आर्थिक व्यवस्था को देखते हुए हम बाल मजदूरी हटाने का काम रुक रुक कर करेगे ।हम यह एकदम से रोक नहीं पाएगे दु:ख की बात यह है कि आज 21 साल बाद भी हम बाल मजदूरी खतम नहीं कर पाए है और आज भी पूरी तरह से इसके खात्मे कि बात बहुत दूर लग रही है ।अगर हम बाल श्रम मंत्रालय के ही आकडे ले लें तो वो एक करोड़ बच्चों कि बात करते है साफ है कि यह संख्या कम है । इनमें से 50 फीसदी बच्चे लड़कियां हैं जिनमें से कई तस्करी का भी शिकार होती है। कई कारण है हमारे देश मेन बच्चो के लिए काफी सारे अधिनियम है हर एक्ट में बच्चे कि उम्र का पैमाना अलग अलग है इससे कंपनी को या उन लोगो को फायदा हो जाता है । जैसे- चाइल्ड लेबर एक्ट में है जो मजदूरों को रखते है 14 साल से कम उम्र के बच्चो को काम पर रखना गैरकानूनी है। जबकि शादी के लिए कम से कम उम्र कि सीमा 21 साल है तो वोटिंग के लिए 18 साल है तब 15 साल से 17 साल भी तो नाबालिक है यह कि वो कोंमन चाइल्ड लेबर एक्ट में जा सकता है परिभाषा नहीं है. वैसे तो 12 जून बाल मजदूरी के विरोध का दिन है अंतर्राष्ट्रीय मजदूर संगठन आई.एल.ओ 2002 से हर साल इसे मना रहा है] परंतु कोई खास पड़ता नजर नहीं आ रहा है पार्टी बाल मजदूरी को लेकर काफी गंभीर है इस एक कानून कि वकालत करती है जो उम्र मतदान हेतु है वही मजदूरी के लिए पार्टी सत्ता में आ कर बाल मजदूरी कानून में संसोधन करेगी.

पार्टी की विदेश नीति

राष्ट्रीय आम जन सेवा पार्टी सबसे पहले अपने कूटनीति प्रयासों के जरिये खासकर दो दुसमन देशो पाकिस्तान व चीन को एक नया आईना दिखाएगी जिससे ये दोनों देश भारत की ओर आँख उठा कर भी ना देख सकें।

पार्टी की कश्मीर नीति

राष्ट्रीय आम जन सेवा पार्टी भारत के अभिन्न अंग और भारत के स्वर्ग जम्मू & कश्मीर की आजादी के नाम पर उकसाने वाले देशों को बिलकुल बर्दाश्त नहीं करेगी और जो कश्मीर मे पत्थर बाज है या देश विरोधी है उनको कश्मीर की सरजमीं से बाहर करेगी कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा ।

पार्टी संघटन

राष्ट्रीय आम जन सेवा पार्टी से जुडने के लिए विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति तथा समाजवाद ,पंथ-निरपेक्षता और लोकतन्त्र के सिद्धांतों के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा और भारत की प्रभुता ,एकता व अखण्ड्ता मे विश्वास रखता जरूरी है। पार्टी का प्राथमिक सदस्य 10 रुपए और सक्रिय सदस्य 250 रुपए वार्षिक शुल्क देकर बन सकता है सदस्य बनने वाला व्यक्ति किसी अन्य राजनैतिक दल / पार्टी का सदस्य न हो सदस्यता का कार्य काल तीन वर्ष का होगा जो पहली अप्रैल से शुरू होकर तीसरे वर्ष 31 मार्च को समाप्त होगा । पार्टी का संगठनात्मक राष्ट्रीय संघटन ,राज्य संघटन ,जिला स्तरीय संघटन ,नगरीय संघटन ,विधान सभा क्षेत्र स्तरीय संघटन ,प्रारम्भिक समितियों पर आधारित होता है। हर 25 प्राथमिक सदस्यों पर एक सक्रिय सदस्य होता है । इन कमेटी से जुड़े पदाधिकारी अपने अपने कार्य क्षेत्र में कम करते है । पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण समिति ‘राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति’ ( 51 सदस्य है) जिसका नेतृत्व पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ,उपाध्यक्ष, महासचिव, सचिव और कोषाध्यक्ष करते है । प्रत्येक सम्मेलन , प्रत्येक कार्यकारणी, प्रत्येक समीति तथा पधाधिकारियों का कार्य काल 4 वर्ष का होगा । पार्टी का एक संसदीय बोर्ड जो 7 सदस्यों का है और प्रदेश लेबल पर पार्टी का संसदीय बोर्ड 9 सदस्यों का होगा । पार्टी की राष्ट्रीय एवम प्रदेश स्तर पर अनुशासन समिति,विषय निर्धारण समिति तथा पाँच सदस्य एक कोर कमेटी होगी जो अनुशासन ,व्वस्था,चुनाव संचालन ,समन्वय स्थापित करेंगी । ये सभी समितियां पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के परामर्शनुसार निगरानी करेंगी । पदाधिकारियों के 4 वर्ष के कार्यकाल मे 3 वर्ष के बाद पार्टी मे संघटन चुनावी कार्यक्रम बूथ लेबल कमेटी से शुरू होकर चोथे वर्ष मे राष्ट्रिय टीम का चुनाव होगा हर 4 वर्ष बाद पार्टी ने निर्वाचित बॉडी होगी ।

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